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श्री संजीव कुमार सिन्हा
श्री संजीव कुमार सिन्हा ने भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा जारी आदेश सं.-Met.3-10/4/2023-Met.III
दिनांक 07-03-2025 के अनुसरण में, दिनांक 09-03-2025 के प्रभाव से हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड का
निदेशक (प्रचालन) के रुप में कार्यभार ग्रहण किया। डॉ. सिन्हा ने 28.03.2025 से हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड
के निदेशक (खनन) का अतिरिक्त प्रभार संभाल लिया है।
डॉ. संजीव कुमार सिन्हा नागपुर विश्वविद्यालय से माइनिंग इंजीनियरिंग, MMR 1961 के तहत प्रथम श्रेणी
प्रबंधक और lGNOU से MBA (HR) हैं। उन्होंने 2018 में llT (lSM) धनबाद से माइनिंग इंजीनियरिंग में PhD
हासिल की है। श्री संजीव कुमार सिन्हा का शोध कार्य "विषम लौह अयस्क भंडार के लिए NPV की तुलना में
खान जीवन को बढ़ाने हेतु योजना रणनीतियां" विषय पर आज खनिजों की बढ़ती कमी और खनन
परियोजना में खान के बढ़ते जीवन से संबंधित है, जिसके लिए सटीक आकलन और उचित योजना की
आवश्यकता है।
डॉ. सिन्हा को NMDC लिमिटेड, जो एक अत्यंत सफल खनन संगठन है, में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है
जहां वे खान योजना प्रमुख और आंतरिक सुरक्षा संगठन के प्रमुख थे तथा योजना, उत्पादन, प्रसंस्करण,
लीज अधिग्रहण, अतिरिक्त क्षेत्र आबंटन इत्यादि में शामिल थे। ब्लास्टिंग इंजीनियर के रूप में शुरुआती
दिनों से ही उन्होंने SME एक्सप्लोसिव के उपयोग को स्थापित करने से लेकर माइन प्लानिंग सॉफ्टवेयर
सरपैक, माइन्सचेड और व्हिटल के उपयोग के लिए प्लानिंग इंजीनियर बनने तक में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई। NMDC लिमिटेड में अपने करियर के दौरान उन्हें ड्रिलिंग और ब्लास्टिंग, उत्पादन और बैलाडीला
डिपोसिट-14, डिपॉजिट 11C, डिपॉजिट-10/11 A, डोनिमलाई आयरन अयस्क खदान में खानों के विकास,
एनसीएल के विकास के लिए डेस्क अधिकारी, MDO की नियुक्ति और बड़े अनुबंधों को संभालने जैसे कई
अवसर मिले। उन्होंने NMDC लिमिटेड से 2030 तक लौह अयस्क के 100 MTPA उत्पादन के लिए विजन
प्लान तैयार करने की दिशा में काम किया है और लगभग 27,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली
परियोजनाओं के लिए TEFRs तैयार किए हैं।
डॉ. सिन्हा एशिया की एकमात्र डायमंड मशीनीकृत खदान, यानी एनएमडीसी लिमिटेड के DMP पन्ना से जुड़े
थे, उन्होंने कानूनी अनुपालन पर नज़र रखने के लिए "लाइसेंस टू ऑपरेट सॉफ़्टवेयर" विकसित किया। वे
ERP और फ्लीट मैनेजमेंट सिस्टम की स्थापना जैसी डिजिटल पहलों से जुड़े थे। श्री सिन्हा CRIRSCO के
दिशा-निर्देशों के अनुसार भारतीय खनिज उद्योग कोड (lMlC) विकसित करने के लिए NACRI से भी जुड़े थे
और MEAI के सक्रिय सदस्य हैं।
डॉ. सिन्हा ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में कई तकनीकी लेख प्रस्तुत किए हैं और जून 2018 में विश्व
खनन कांग्रेस, अस्ताना, कजाकिस्तान में विषम लौह अयस्क निकाय में रिजर्व आकलन जटिलताओं पर केस
स्टडी और विश्व खनन कांग्रेस ब्रिस्बेन 2023 में विषम लौह अयस्क जमा में बेहतर NPV और खान के जीवन
के लिए पिट अनुकूलन पर एक केस स्टडी प्रस्तुत की है। उन्होंने कनाडा में PDAC 2023 में भी भाग लिया है।